रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के 13वें दिन बुधवार को पेयजल विभाग में हुई अवैध निकासी को लेकर सत्ता पक्ष ने ही अपनी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया. कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने सरकार के जवाब पर नाराजगी जताते हुए कहा, “खोदा पहाड़, निकली चुहिया!” उन्होंने प्रभारी मंत्री योगेंद्र प्रताप को चेताया कि सिर्फ जोर से बोलने से भ्रष्टाचार नहीं छिपेगा.
अवैध निकासी का केंद्रबिंदु – संतोष कुमार
विवाद के केंद्र में उच्च वर्गीय लिपिक संतोष कुमार हैं, जो 15 वर्षों से एक ही स्थान पर तैनात थे. उन्होंने अपने 27 पन्नों के स्पष्टीकरण में अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. विधायक प्रदीप यादव ने वित्त विभाग से इस मामले में की गई कार्रवाई पर स्पष्टीकरण की मांग की.
चार अधिकारियों पर गिरी गाज
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है. संतोष कुमार पर 2.71 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का मामला दर्ज हुआ है. वित्त विभाग की सात सदस्यीय कमेटी की अनुशंसा पर चार अधिकारियों – मनोज सिन्हा, सुनील सिन्हा, मनोज सिन्हा (दो बार नाम), और मीरा कुमारी गुप्ता को सस्पेंड कर दिया गया है.
CID और ACB जांच की मांग
प्रभारी मंत्री योगेंद्र प्रताप ने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने इस मामले में ACB और CID जांच की मांग की थी. इस पर रामेश्वर उरांव ने कहा कि CID की साख संदिग्ध रही है, यह जांच सरकार के इरादों पर निर्भर करेगी.
कई अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई
प्रभारी मंत्री ने बताया कि संतोष कुमार को निलंबित कर रांची सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. उनके बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं और नीलाम पत्र दायर हो चुका है. इसके अलावा, प्रभात कुमार सिंह, चंद्रशेखर, राधेश्याम रवि और संजय कुमार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई जारी है.