रांची: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी पर निशाना साधा है. सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि इरफान अंसारी जैसे लोगों को रिम्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थान की जिम्मेदारी दी गई है. उनकी सांप्रदायिक विचारधारा और फैसले सांस्कृतिक और धार्मिक विभाजन को बढ़ावा दे रहे हैं. ताजा मामला सरस्वती पूजा को लेकर उठाए गए सवालों का है.
पोस्ट में आगे लिखा है कि सरस्वती पूजा कोई साधारण धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, यह हमारी शिक्षा, ज्ञान और संस्कृति की आत्मा है. यह वह परंपरा है जो पीढ़ियों से हमारे समाज को एक सूत्र में पिरोती आयी है. लेकिन आज इसे रोकने की कोशिशें हो रही हैं. सवाल यह है कि अगर आज सरस्वती पूजा पर आपत्ति की जा रही है, तो क्या कल हमारी संस्कृति और देवी-देवताओं के अस्तित्व पर भी सवाल उठाए जाएंगे? मुख्यमंत्री से अनुरोध है कि वे इस बेहद संवेदनशील मामले का खुद से संज्ञान लें.
हालांकि बाद में रिम्स प्रशासन द्वारा पूजा की परमिशन मिलने की जानकारी मिलने पर एक अन्य पोस्ट में लिखा, रिम्स प्रशासन ने रिम्स के डाक्टरों, छात्रों एवं वहां के जनभावना का सम्मान करते हुए सरस्वती पूजा का आयोजन नहीं करने देने का अपना आदेश अब वापस ले लिया है. अब वहां पहले से चली आ रही परम्परा का निर्वहन करते हुए विधिवत सरस्वती पूजा का आयोजन होगा. शासन का यह कदम स्वागत योग्य है.
वहीं दूसरी ओर मरांडी ने सोशल मीडिया पर कहा है कि गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर, जब पूरा देश संविधान और लोकतंत्र के प्रति अपनी आस्था प्रकट कर रहा था, तब पंजाब के अमृतसर में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की सबसे बड़ी मूर्ति तोड़े जाने की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. इस कायराना हरकत ने न केवल बाबा साहब के सम्मान को ठेस पहुंचाई, बल्कि भारतीय संविधान और दलित समाज का भी अपमान किया है.
यह घटना सीधे-सीधे आम आदमी पार्टी और इंडी गठबंधन की नीयत और बाबा साहब के प्रति उनकी कथित निष्ठा पर गंभीर सवाल खड़े करती है.
हाथ में संविधान लेकर हर जगह घूमने वाले राहुल गांधी और हर मंच पर दलितों के अधिकारों की बात करने वाले इंडिया गठबंधन के नेताओं की चुप्पी इस मामले में शर्मनाक है.
हिन्दुस्थान समाचार