रांची: टेंडर कमीशन घोटाला मामले में आरोपित पूर्व मंत्री आलमगीर आलम की डिस्चार्ज पिटीशन पर पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की कोर्ट में सोमवार को सुनवाई पूरी हो गई. कोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रखा है. मामले में आरोपितों पर आरोप गठित होना है.
इससे पहले खुद पर लगे आरोप को मुक्त कराने के लिए आरोपितों के जरिये डिस्चार्ज पिटीशन दाखिल किया गया है. मामले में ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम और उनके परिजन सहित कई सहयोगियों की डिस्चार्ज पिटीशन खारिज हो चुकी है. 15 मई को ईडी ने आलमगीर आलम को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद से वे जेल में बंद है. टेंडर आवंटन में कमिशन लेने का उनपर आरोप है.
टेंडर कमीशन घोटाला मामले को लेकर ईडी ने सबसे पहले 21 फरवरी, 2023 को बड़ी कार्रवाई की थी. निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के रांची जमशेदपुर पटना और दिल्ली सहित कई ठिकाने पर छापेमारी की थी. छापेमारी के बाद वीरेंद्र राम सहित अन्य को ईडी ने गिरफ्तार किया था. ईडी की दूसरी बड़ी कार्रवाई 6 और 7 मई को हुई थी. इसमें कई इंजीनियर, कांट्रेक्टर ठेकेदार और पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के पीएस के ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी. आलमगीर आलम पीएस संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम के ठिकाने से 32 करोड़ कैश बरामद हुए थे. इसके बाद पूर्व मंत्री आलमगीर आलम से दो दिनों की पूछताछ के बाद ईडी ने 15 मई को गिरफ्तार कर लिया था.
हिन्दुस्थान समाचार